शासन व प्रशासन अवैध खनन रोकने में नाकाम, अब एसटीएफ या सीआईएसएफ तैनात की जाएः कोर्ट

शासन व प्रशासन अवैध खनन रोकने में नाकाम, अब एसटीएफ या सीआईएसएफ तैनात की जाएः कोर्ट


ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने ग्वालियर चंबल संभाग में हो रहे अवैध उत्खनन पर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि शासन व प्रसासन अवैध खनन को रोकने में नाकाम रहा है। इसलिए निगरानी व नियंत्रण के लिए एसटीएफ या सीआईएसएफ तैनात की जाए। इसके अलावा पारंपरिक तरीकों को छोड़ना होगा। कंप्यूटराइज्ड व इंटरनेट व्यवस्था को अपनाया जाए। कोर्ट के आदेशों का तुरंत पालन किया जाए और आदेश का पालन कर हर दो महीने में प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के यहां अपनी रिपोर्ट पेश करें।


अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने चंबल नदी में हो रहे रेत खनन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि नदी में धड़ल्ले से उत्खनन हो रहा है। माफिया को राजनीति संरक्षण होने की वजह से राजस्व व वन विभाग के अधिकारियों को मौत के घाट उतार चुके हैं। पुलिस ने खनन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। अवैध खनन निरंतर जारी है। अधिकारी व कर्मचारियों पर आए दिन हमले हो रहे हैं। चंबल नदी से खनन में लिप्ट अधिकारियों की जांच सीबीआई से कराई जाए। ताकि खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई हो सके। इसके अलावा सेटेलाइट से खनन की निगरानी की व्यवस्था की जाए। कोर्ट ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) को जांच के आदेश दिए हैं। सीजेएम औचक निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी, जिसमें अवैध उत्खनन की जानकारी दी है। सीजेएम की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर, वन विभाग ने जवाब दिया था। पुलिस अधीक्षक ने तर्क दिया कि खनन रोकने के लिए पुलिस को नए वाहन उपलब्ध कराए हैं। वर्ष 2019 में 52 वाहन जब्त किए थे। जिसमें ट्रैक्टर ट्राली, ट्रक, डंपर शामिल हैं। जो अवैध उत्खनन में लगे हुए थे। वन विभाग ने तर्क दिया है कि सेटेलाइट इमेजरी के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) को पत्र लिखा है। साथ ही दो ड्रोन खरीदे हैं, जिससे निगरानी की जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि टास्क फोर्स बना दिए हैं। ये टास्क फोर्स अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि थानों को निर्देश किया है। हाईकोर्ट ने बहस के बाद 19 फरवरी को फैसला सुरक्षित कर लिया था। शनिवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया।


 

वन विभाग ने किए थे 125 वाहन जब्त


वन विभाग के डीएफओ ने तर्क दिया कि 125 मामले दर्ज किए हैं। 111 वाहन जप्त किए गए। राजसात वाहनों की नीलामी से 21 लाख 20 हजार रुपए का राजस्व भी प्राप्त हुआ।


सेटेलेटाइट से निगरानी के लिए एनआईसी को पत्र लिखा है। निगरानी के लिए मदद मांगी है।


कोर्ट ने यह दिए आदेश


नदियों के किनारे व संवेदनशील रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इन कैमरों को सेटेलाइट से जोड़ा जाए। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जाए।


 

सीसीटीवी व सेटेलेलाइट से सभी अधिकारियों के मोबाइल जोड़े जाएं। जिससे कभी फुटेज देख सकें।


खनन के नाम पर जो भी अधिकारी जिम्मेदारी है, उसे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाए।


खनन करने वालों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाए।


खनन में लिप्त वाहनों पर जुर्माने की वजाए जप्त किया जाए। अगर जब्त नहीं किया जा रहा है, तो बोलता हुआ आदेश पारित किया जाए।