नहरे सूखी, तीसरे पानी के लिए परेशान किसान, किसानों के गेहूं की फसल में देना है अंतिम बार पानी
दतिया। जिले के टेलपोर्सन क्षेत्रों में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है जिस कारण संबंधित क्षेत्र के किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं वर्तमान में गेहूं की फसल खड़ी हुई है और उसमें अंतिम बार पानी देना जरूरी है। इसके बावजूद भी दो दर्जन से अधिक गांव ऐसे है जहां से निकली नहरे वर्तमान में सूखी पड़ी हुई है। वहीं समय पर इन क्षेत्रों में पानी नहीं मिला तो करीब 15 हजार हैक्टेयर में खड़ी गेहूं की फसल सूखने की कगार पर आ जाएगी।
जानकारी के अनुसार जिले में राजघाट नहर निकली हुई है। इसी नहर से अन्य नहरों में पानी पहुंचता है। बसई क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव ऐसे है। वहीं शुरुआत में तो पानी पहुंचा इस कारण किसानों ने गेहूं की खेती में पानी दे दिया। लेकिन वर्तमान में तीसरी बार पानी की जरूरत किसानों को लग रही है। ऐसी ही स्थिति में इन क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। पानी नहीं पहुंचने के चलते नहरे पूरी तरह से सूखी पड़ी हुई है। इस कारण क्षेत्र की करीब 15 हजार हैक्टेयर में खड़ी गेहूं की फसल सूखने की कगार पर आ पहुंची है। संबंधित किसानों ने बताया, कि हमारी ओर से कई बार कलेक्टर और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक पानी नहीं पहुंच पाया है।
ऊपरी क्षेत्रों में बंध लगाकर रोका पानी
टेलपोर्सन क्षेत्रों की नहरों में पानी नहीं पहुंचने का सबसे मुख्य कारण है। ऊपरी क्षेत्र के किसानों की ओर से नहरों में बंध लगाकर पानी को रोक दिया गया है। इस कारण इन क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं कलेक्टर की ओर से साफ निर्देश दिए गए थे। सिंचाई विभाग के अधिकारी नहरों का निरीक्षण करें लेकिन उनकी ओर से ऐसा नहीं किया गया है जिस कारण अन्य किसानों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है।
इन गांवों में अधिक परेशानी
क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नया खेड़ा, सांकुली, बरधुवां, जैतपुर, हिम्मतपुर, सतलौन, ठकुरपुरा, हम्मीरपुर, मानिकपुर, जनकपुर आदि गांव ऐसे है जहां पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इस कारण इस क्षेत्र की करीब 15 हजार हैक्टेयर में खड़ी गेहूं की फसल सूखने की कगार पर आ पहुंची है।
पानी नहीं मिला तो किसान कर सकते है आंदोलन
बसई क्षेत्र के किसानों ने बताया कि उनकी ओर से सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मांग की गई है कि यदि अगले 10 दिनों के भीतर नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया है तो उनकी ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
अधिकारी नहीं सुन रहे
वर्तमान में हम लोगों को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत है। खेतों में फसल खड़ी हुई है और उनमें अंतिम बार पानी देना आवश्यक है। कई बार अधिकारियों से कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
वृन्दावन सिंह, किसान जनकपुर।
नहीं करते निरीक्षण
ऊपरी क्षेत्रों में किसानों की ओर सें बंध लगाकर नहरों के पानी पर रोक लगा दी है। कई बार अधिकारियों को बताया लेकिन उनकी ओर से कोई निरीक्षण नहीं किया जाता है।
वीकेश सिंह, किसान बरधुवां।
मैं दिखवाता हूं
टेलपोर्सन क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच रहा है इसकी अभी तक शिकायत नहीं आई है। यदि ऐसा है तो में दिखवा लेता हूं। वहीं जिन किसानों की ओर से नहरों में बंद लगाकर पानी को रोका गया है उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
एमपी बाथम, कार्यपालन यंत्री सिंचाई विभाग।