मंत्री को किया गुमराह, स्वर्ण रेखा नदी में सीवर लाइन की डिजाइन ही तैयार नहीं

मंत्री को किया गुमराह, स्वर्ण रेखा नदी में सीवर लाइन की डिजाइन ही तैयार नहीं


ग्वालियर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एक सब इंजीनियर के पैर क्या हुए, राजनीतिक से लेकर सरकारी महकमों में हलचल मच गई है। वे असहाय हैं या मामला कुछ और, इस पर तरह-तरह की चर्चा होने लगी है। मंत्री ने शुक्रवार को बाल भवन में बैठक में जिन मुद्दों पर पैर छुए, नईदुनिया ने शनिवार को उनकी हकीकत जानने का प्रयास किया तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। खास मुद्दा स्वर्ण रेखा नदी में बह रहे सीवर का है। इस सीवर ने पिछले दिनों एक मासूम की जान ले ली। फिर भी सीवर साफ नहीं हुई न नई लाइन का काम शुरू हो सका। नईदुनिया ने पड़ताल की तो पता चला कि निगम प्रशासन ने दो साल पहले कानपुर की इनविराड नामक फर्म को यह काम सौंपा है। लेकिन आज तक फाइनल डिजाइन तक नहीं सौंपी है। इसलिए ठेकेदार ने काम ही शुरू नहीं किया। जबकि निगम अधिकारी ठेकेदार को ही दोषी ठहरा रहे हैं।


 

अमृत योजना से 5 किमी क्षेत्र में डाली जाना है लाइन


स्वर्ण रेखा नदी में शहर के 84 नाले मिलते हैं। नालों का पानी नदी में बहने से रोकने के लिए सीवर लाइन डाली है। आबादी बढ़ने से लाइन छोटी और जगह-जगह चोक हो गई है। इससे सीवर ओवरफ्लो नदी में बह रहा है। निगम प्रशासन ने अमृत योजना के तहत हनुमान बांध से चिड़ियाघर तक 5.25 किलोमीटर तक 600 से 1400 मिमी व्यास की नई सीवर लाइन डालने का प्रोजेक्ट तैयार किया। यह काम 2017 में कानपुर की फर्म इनविराड को सौंपा गया। लेकिन फर्म ने अब तक काम चालू नहीं किया। ठेकेदार का कहना है कि निगम ने अब तक फाइनल डिजाइन ही नहीं सौंपी है। जबकि अमृत योजना के अधिकारी ठेकेदार की गलती बता रहे हैं। अमृत योजना के सीवर प्रोजेक्ट के अधिकारी से लेकर निगमायुक्त संदीप माकिन तक ने अब तक यह तथ्य मंत्री श्री तोमर से छिपाए रखे हैं।


 

बदनापुरा में लेवलिंग ही नहीं हुई


बदनापुरा व रेशमपुरा में सीवर की नई लाइन डलना है। मंत्री श्री तोमर ने छह माह पहले इसका भूमिपूजन किया। लेकिन अमृत योजना से जुड़े सीवर प्रोजेक्ट के वरिष्ठ अधिकारी इसकी लेवलिंग ही नहीं करा सके हैं। लेवलिंग न होने से ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया है। इस मामले में ठेकेदार की भी लापरवाही सामने आई है। मंत्री श्री तोमर की ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में अमृत योजना के सीवर और पानी के प्रोजेक्ट के काम में ही गड़बड़झाला है। लोग परेशान हो रहे हैं।


33 सड़कों का वर्क ऑर्डर जारी लेकिन काम शुरू नहीं


ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में करीब 20 करोड़ की लागत से 33 सड़कें बनना हैं। कहीं डामर होना हैं तो कहीं सीमेंट कांक्रीट की सड़क डलना है। एक साल पहले वर्क ऑर्डर से जारी हो गए लेकिन सड़कें नहीं बनीं। अधिकारियों का कहना है कि अमृत योजना के तहत सीवर और पानी की लाइन बिछाई जा रही हैं। जबकि हकीकत यह है कि सीवर लाइन पूरी बिछाई जा चुकी हैं। पानी की लाइनों का काम भी अंतिम चरण में हैं। किन्तु नगर निगम ने अभी सड़कें बनाना शुरू नहीं किया है।


गंदे पानी की भी समस्या


गंदे पानी की समस्या भी सबसे ज्यादा इसी विधानसभा क्षेत्र में आ रही है। चुनाव से पहले मंत्री श्री तोमर ने गंदे पानी की समस्या को लेकर काफी आंदोलन किए थे। मंत्री बनने के बाद पिछले साल गर्मियों में वे रात-रात भर क्षेत्र में घूमे। फिर भी समस्या बनी हुई है। जगनापुरा, रामाजी का पुरा, शील नगर, ख्वाजा नगर, मेवाती मोहल्ला में कई बार नलों में सीवर का पानी आ जाता है। जिम्मेदार अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण नहीं कर रहे हैं। पानी की भी बर्बादी के नजारे भी आए दिन देखने को मिल रहे हैं।


लौट गई हैदराबाद की टीम


स्वर्ण रेखा नदी में गंदे पानी की समस्या के स्थायी निदान के लिए निगम प्रशासक एमबी ओझा के निर्देश पर हैदराबाद से तकनीकी विशेषज्ञ चितरंजन रेड्डी यहां आए थे। उन्होंने शुक्रवार के बाद शनिवार को भी नदी का निरीक्षण किया। उन्होंने समाधान के प्रोजेक्ट की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नदी किनारे गड्डे खोदकर गिट्टी डाली जाएगी। उनमें बैक्टीरिया डाले जाएंगे। गड्डों में सीवर का पानी आएगा और साफ होकर फिर नदी में मिल जाएगा। शुरूआत में हनुमान बांध और बजरंग गढ़ की पुलिया के पास यह प्रयोग किया जा सकता है। वे शनिवार को लौट गए। अब प्रोजेक्ट तैयार कर भेजेंगे। यदि निगम सहमत हुआ तभी वर्क ऑर्डर जारी किया जाएगा।


इनका कहना है


हमने ठेकेदार को कई बार डिजाइन दे दी है। अब वह रविवार से ही काम लगा देगा। अमृत योजना के तहत लाइन बिछाने सड़कों की खुदाई की जा रही है। इसलिए ग्वालियर विधानसभा की सड़कें नहीं बनाई जा सकी हैं।


संदीप माकिन, निगमायुक्त


-नहीं मिली डिजाइन


हम पांच-छह बार डिजाइन बनाकर दे चुके हैं लेकिन आज तक फाइनल डिजाइन नहीं मिली है। डिजाइन मिलते ही स्वर्ण रेखा नदी में काम शुरू कर देंगे।


एफआई खान, प्रोजेक्ट मैनेजर, इनविराड