महाधिवक्ता कार्यालय में नहीं हो सकी नई नियुक्तियां, पुरानों का कार्यकाल 15 दिन बढ़ाया

महाधिवक्ता कार्यालय में नहीं हो सकी नई नियुक्तियां, पुरानों का कार्यकाल 15 दिन बढ़ाया


ग्वालियर। महाधिवक्ता कार्यालय में अधिवक्ताओं की नई नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी नहीं सकी। इस कारण विधि विभाग ने वर्तमान में कार्यरत अधिवक्ताओं के कार्यकाल में 15 दिन की बढ़ोत्तरी कर दी। अब ये अधिवक्ता 15 मार्च तक कार्य कर सकेंगे। हाईकोर्ट में शासन की ओर से पैरवी करेंगे। महाधिवक्ता कार्यालय जबलपुर से नियुक्तियों का प्रस्ताव विधि विभाग नहीं पहुंचा था।


हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में शासन का पक्ष रखने के लिए पिछले साल शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई थी। इन अधिवक्ताओं का 31 जनवरी 2020 को कार्यकाल पूरा हो गया था। नई नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से एक महीने का कार्यकाल बढ़ाया था। फिर से वही स्थिति बन गई। नियुक्तियों के लिए अधिवक्ताओं के नाम फाइनल नहीं हो सके हैं। जिसके चलते कार्यकाल बढ़ाना पड़ा है। जानकारों की मानें तो वर्तमान में कार्यरत अधिवक्ताओं की निगेटिव रिपोर्ट भेजी गई है। इस वजह से कई अधिवक्ताओं के ऊपर तलवार लटक रही है। स्थिति को देखते हुए वर्तमान अधिवक्ता संगठन के पदाधिकारी, विधायक, मंत्रियों के पास पहुंचने लगे हैं। इसके अलावा नियुक्तियों में महल का दखल भी बढ़ गया है। एक लिस्ट भी शासन को भेजी गई है, जिसमें दूसरे लोगों के नाम नहीं है। इस लिस्ट में एक ही ऑफिस के अधिवक्ताओं के नाम है। इस वजह से मंत्री, विधायक, संगठन के पदाधिकारियों से जुड़े अधिवक्ताओं को जगह नहीं मिल पा रही है। इस कारण बार-बार लिस्ट को टालना पड़ रहा है।


 

कार्यालय में है 42 पोस्ट


महाधिवक्ता कार्यालय में 1 पोस्ट अतिरिक्त महाधिवक्ता की है। 1 उप महाधिवक्ता का पद है। 36 शासकीय अधिवक्ताओं का पद है। 4 उप शासकीय अधिवक्ताओं के पद हैं।


पिछले साल सरकार ने शासकीय अधिवक्ताओं के 32 पद भरे थे, जिसमें 30 शासकीय अधिवक्ता बनाए थे। 2 उप शासकीय अधिवक्ता नियुक्त किए थे।


संभावितों के सामने लगाया दूसरी पार्टी का होने का आरोप


 

जिन अधिवक्ताओं की नियुक्ति के लिए नाम लिए जा रहे हैं, उनको दूसरी पार्टी से जुड़ा होना बताया जा रहा है। पिछली बार दूसरी पार्टी को समर्थन करने वाले अधिवक्ता नियुक्त हो गए थे। इस वजह से कांग्रेस की लीगल सेल ने काफी आपत्तियां की थी। कांग्रेस कार्यालय में बैठक कर विरोध प्रदर्शन भी किया था।


फिर से वैसी स्थिति न बने, उसको लेकर इंटेलीजेंस से जांच कराई जा रही है।