ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद अब कुछ दवा कंपनियां अपने वर्करों को 31 मार्च तक छुट्टी पर भेज रही हैं, जिसके चलते दवा डिपो बंद किए जा रहे हैं। दवा डिपो बंद होने से थोक मार्केट में दवाओं का आना बंद हो जाएगा। यदि दस दिन बाद भी डिपो बंद रहती है तो मार्केट में दवाओं की शॉर्टेज हो सकती है। दवा एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी भरपूर मात्रा में दवाओं का स्टॉक है। मौजूदा वक्त में सबसे अधिक मांग बुखार के लिए पेरासिटामोल और सर्दी,जुकाम व खांसी की दवा की है। हालांकि दवाओं की शॉर्टेज होने से उनकी कीमतों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अभी थोक व्यापारी दवाओं को इंदौर से मंगवाते हैं जहां पर कंपनियों के डिपो मौजूद हैं। पिछले दो दिन में मास्क व सैनिटाइजर की डिमांड एकाएक बढ़ गई है। उधर जिला अस्पताल में मरीजों की नब्ज टटोल रहे डॉक्टरों को स्वास्थ्य प्रबंधन मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं करवा सका। डॉक्टर स्वयं ही मास्क व सैनिटाइजर बाजार से मंगवाकर उपयोग में ले रहे हैं। कुछ यही हालात जयारोग्य अस्पताल के भी हैं।
स्क्रीनिंग के नाम पर फार्म भरवाया जा रहा-
देश विदेश से लौटने वालों में कोरोना वायरस के लक्षण की पड़ताल के लिए हेल्थ टीम बनाई गई है। लक्षण की जांच के बाद एक फार्म भरवाना होता है और 14 दिन होमआईसोलेशन में रख उसे निगरानी में रखना होता है। पर यह सब दिखावे मात्र का है, उसका कारण हेल्थ टीम के पास कोई संसाधन नहीं जिससे कोरोना के लक्षण का पता चल सके, होमआईसोलेशन के बाद निगरानी न होने पर वह पब्लिक के बीच पहुंच रहे हैं।
बिना संसाधन के आईसोलेशन वार्ड-
कोरोना वायरस के संदिग्ध को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। पर वार्ड में दिखावे के नाम पर एक ऑक्सीजन सिलेंडर रख रखा है। वार्ड में किट के अलावा अन्य संसाधन मौजूद नहीं है। अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में रखा वेंटीलेटर सालों से बंद रखा है। जिसके संचालन के लिए तीन डॉक्टरों को ट्रेनिंग के लिए शनिवार को भेजा गया है। वार्ड में मास्क, सैनिटाइजर तक उपलब्ध नहीं है। कोरोना संदिग्ध पहुंचने के बाद शनिवार को सभी संसाधन जुटाने के लिए प्रबंधन जुट गया था।
डॉक्टरों को नहीं मिल रहा सैनिटाइजर-
जिला अस्पताल की ओपीडी में बैठे डॉक्टरों न मास्क व सैनिटाइजर तक उपलब्ध नहीं कराए जा पा रहे हैं। शुक्रवार को जहां सीएमएचओ स्टोर, सिविल सर्जन स्टोर में सैनिटाइजर और मास्क थे। पर शनिवार को अफसरों के घर, ऑफिस और एमएच हॉस्पिटल भेज दिए गए। जिसके कारण स्टोर में मास्क व सैनिटाइजर का स्टॉक समाप्त हो चुका है।
दिखावे का आईसीयू-
जिला अस्पताल में बने आईसीयू में न संसाधन मौजूद हैं और न ही स्टाफ व डॉक्टर। आईसीयू में आवश्यक संसाधन, दवा, स्टाफ के लिए मास्क, सैनिटाइजर, पल्स मीटर, सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम उपलब्ध नहीं है।
मास्क व सैनिटाइजर की डिमांड भेज दी गई है। सभी को उपलब्ध भी करवाए जा रहे हैं। अचानक से डिमांड बढ़ने पर थोड़ी बहुत समस्या आती है। स्टाफ की कमी है जिसकी पूर्ति का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ एसके वर्मा, सीएमएचओ
दवा कंपनियों की डिपो बंद होने से दवाओं की शॉर्टेज हो सकती है। पर इससे उनकी कीमतों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।,मास्क व सैनिटाइजर की डिमांड अचानक से फिर बढ़ गई है।
शिवरत्न सिद्दवानी, प्रवक्ता दवा एसोसिएशन ग्वालियर