डिग्री के रूप में हाथों में आई वर्षों मेहनत तो खिले उठे चेहरे
ग्वालियर । एमिटी यूनिवर्सिटी ने अपने पहले दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार को किया। गाउन और हैट पहले हुए विद्यार्थी और शिक्षक अनुशासन के साथ सुव्यस्थिति लाइन में चल रहे थे। जहां विद्यार्थियों की आंखों में अपनी डिग्री थामने का सपना था तो शिक्षक उनके सपनों को पूरा होते देख अपने सपनों को जी रहे थे। समारोह की शुरुआत होने के साथ एक के बाद एक विद्यार्थियों को डिग्री, मेडल और उपाधियां दी गईं। अंत में सभी ने अपने कैप उछालकर उत्सव के अंतिम पलों को पूरी जिंदादिली के साथ जिया। समारोह में वर्ष 2013 से लेकर अभी तक पास आउट हो चुके छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इनके अलावा 70 गोल्ड मेडल, 70 सिल्वर मेडल और 67 ब्रांज मेडल दिए गए। साथ ही 14 बेस्ट ऑफ राउंड ट्रॉफी और 14 श्रीबलजीत शास्त्री अवॉर्ड के अलावा 16 छात्रों को पीएचडी होल्डर्स की डिग्री भी प्रदान किए गए।
मुख्य अतिथि एमिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर व चेयरमैन डॉ. असीम के. चौहान थे। इसके अलावा अतिथियों के रूप में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट आर. बालासुब्रमण्यम और यूनिसेफ के कम्युनिकेशन फॉर डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट संजय सिंह को ऑनररी प्रोफेसरशिप दी गई। इसमें अतिथियों के रूप में डॉ. सेल्वामूर्ति, एआईओयू के पूर्व अध्यक्ष पीवी शर्मा और एमिटी आर्ट फाउंडेशन की चेयरपर्सन दिव्या चौहान उपस्थित थीं। डॉ. चौहान ने बताया कि हमारा विश्वविद्यालय छात्रों को संस्कार देता है जिससे वे पूरी दुनिया में हमारे देश के संस्कार स्थापित करें। इसके लिए हमारे भारत में 11 विश्वविद्यालय है और दो नए विवि पंजाब और मोहाली में तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा विदेशी धरती पर भी 15 एमिटी विश्वविद्यालय हैं। गर्व की बात यह है कि इनमें कई भारतीय फैकल्टीज विदेशाी छात्रों को हमारे संस्कार और शिक्षा दे रही हैं। समारोह में दिल्ली से आए डीआरडीओ के डायरेक्टर जनरल लाइफ साइंसेस डॉ. अजय कुमार सिंह को मानद उपाधि से विभूषित किया गया है। इस अवसर पर एमटी के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल वीके शर्मा एवीएसएम, उपकुलपति प्रो. डॉ. एमपी कौशिक, रजिस्ट्रार राजेश जैन आदि उपस्थित थे।