डेड घोषित हो चुके भवनों में चल रहे स्कूल व कार्यालय, हो सकता है हादसा
डबरा। शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण डबरा विकासखंड में कई जर्जर भवनों में कक्षाएं संचालित की जा रही है, जबकि पीडब्ल्यूडी विभाग इन भवनों को डेड घोषित कर चुका है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने न तो नवीन कक्ष बनवाए हैं और न ही जर्जर कक्ष को जमींदोज कराया है। अधिकारियों की अनदेखी के कारण स्कूली छात्र जर्जर कक्षों में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूली कक्षों के साथ बीआरसी कार्यालय के बीएससी कक्ष और कंप्यूटर कक्ष की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, लेकिन अभी तक उक्त भवनों को जमींदोज नहीं कराया गया है। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग सतत प्रयास किए जा रहे है, लेकिन स्कूल के कक्षों की क्या हालत है, इस ओर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि डबरा विकासखंड के बीआरसीसी कार्यालय सहित शासकीय कन्या विद्यालय स्थित कक्ष तथा सिमरिया ताल स्थित प्राइमरी स्कूल का भवन पूरी तहत क्षतिग्रस्त हो गए हैं और डेड घोषित किए जा चुके हैं, परंतु विभागीय अधिकारियों की लारवाही के कारण स्कूली छात्र अपनी जाम जोखिम में डालकर जर्जर कक्षों में बैठ रहे हैं। जर्जर कक्षों और भवनों की जगह नए भवन बनाने के लिए स्कूल प्रबंधक कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
मांग के बाद भी जमींदोज नहीं हुए बीआरसी कार्यालय के कक्ष
जनपद पंचायत कार्यालय के पास बने बीआरसी कार्यालय के अंदर बने बीएसी और कंम्प्यूटर कक्ष में दो साल पहले नीम का पेड़ गिरने के कारण दीवार में दरारें आ गई थी और भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे। उक्त भवन को जमींदोज कराने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा डेड घोषित कर दिया गया। परंतु विभागीय लापरवाही के चलते अभी क्षतिग्रस्त कक्षों को जमींदोज नहीं कराया गया है और न ही नए कक्ष बनवाए गए हैं। दो कक्षों के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण बीआरसी कार्यालय एक ही कक्ष में संचालित हो रहा है। इस कारण काम प्रभावित हो रहा है। कम्प्यूटर ऑपरेटर और बाबू जान जोखिम में डालकर जर्जर कक्ष में बैठकर काम कर रहे हैं।
कन्या विद्यालय के जर्जर कक्ष में लग रही क्लास
शहर के शासकीय कन्या विद्यालय में पर्याप्त कक्ष नहीं होने के कारण छात्राओं को उस कक्ष में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है, जो डेड घोषित किया जा चुका है। वैसे तो कन्या विद्यालय मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा मॉडल लेबोरेट्री और डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, परंतु स्कूल में पर्याप्त कक्ष नहीं होने से छात्राओं को मजबूरी में जर्जर और डेड घोषित कक्ष में अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ना पड़ रहा है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कूलों में छात्रों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त कक्ष नहीं है इसलिए मजबूरी में बच्चों को जर्जर कक्ष में बैठाया जा रहा है।
भवन की दीवार में आई दरारें, टपक रहा है प्लास्टर
विकासखंड के ग्राम सिमरियाताल में संचालित किया जा प्राथमिक विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर और क्षतिग्रस्त हो चुका है। लगभग 15 साल पहले बनाए गए इस भवन की दीवारों में दरारें आ चुकी है और छतों से प्लास्टर टपक रहा है। परंतु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण छात्रों को जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करना पड़ रही है। बताया जाता है कि स्कूल भवन की दीवारों में आई दरारों के कारण बरसात के मौसम में जहरीले कीड़े-मकोड़े कक्षों के अंदर आ जाते हैं। इस कारण छात्रों के अंदर के कीड़े-मकोड़ों का डर बना रहता है।
जर्जर कचहरी परिसर में चल रहे है शासकीय कार्यालय
आंतरी कस्बे में स्थित कचहरी के नाम से विख्यात भवन पूरी तरह पूरी तरह जर्जर हो चुका है और परिसर में पिछले हिस्से की दीवारें भी धराशायी हो रही है। अभी जर्जर परिसर को जमींदोज नहीं कराया गया है। बताया गया है कि कचहरी परिसर के अगले हिस्से में तहसील कार्यालय और जिला सहकारी बैंक संचालित हो रही है। वहां रोजाना सैकड़ों लोगों का आना-जाना लगा रहता है। जर्जर कचहरी परिसर को न तो जमींदोज कराया जा रहा है और न ही उसका रखरखाव कराया जा रहा है।
इनका कहना है
15 साल पहले बनवाया गया स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। भवन की दीवारें भी जगह-जगह से दरक गई है। वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी के कारण मजबूरी में जर्जर भवन में कक्षाएं लगानी पड़ रही है। विभाग द्वारा दूसरी जगह स्कूल भवन बनवा दिया जाए, तो बेहतर होगा।
-देवी सिंह पनरिया, प्राचार्य, शासकीय प्राथमिक स्कूल सिमरियाताल।
इनका कहना है-
सिमरियाताल स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय की मरम्मत के प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया गया है। शीघ्र ही मरम्मत कार्य शुरू करा दिया जाएगा। बीते दिनों निरीक्षण पर आए कलेक्टर द्वारा भी जर्जर स्कूलों की सूची बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। ताकि स्कूलों का मैंटेनेंस कराया जा सके।
धर्मेन्द्र पाठक, बीआरसीसी डबरा।
आंतरी के कचहरी परिसर के जर्जर भवन को दुरुस्त कराने के लिए प्रशासन को अवगत करा चुके हैं। अगर भवन ध्वस्त हो जाता है, तो हम उसकी जगह नया भवन निर्मित करा सकते हैं।
एमपी दीक्षित, सीईओ, नगर परिषद, आंतरी।