अधिकारी नहीं सुनते तो भोपाल से दवाब बनाना प़ड़ता है, क्योंकि जनता का जवाब हमें देना हैं

अधिकारी नहीं सुनते तो भोपाल से दवाब बनाना प़ड़ता है, क्योंकि जनता का जवाब हमें देना हैं


ग्वालियर / कांग्रेस की सरकार को सवां साल हो गए हैं। लेकिन अधिकारी अब भी सत्तारूढ़ दल के विधायकों के नहीं सुन रहे हैं। कई जनकार्य अधिकारियों के कारण अटके हुए हैं। दक्षिण विधानसभा में गांधी मार्केट का निर्माण और क्षेत्र की मलिन बस्तियों को स्वच्छ बस्तियों में बदलने के लिए कई बार विधायक प्रवीण पाठक ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। लेकिन अधिकारियों के नहीं सुनने के कारण मामला अटका हुआ था। कुछ काम जनसहयोग तो कुछ कार्य भोपाल से दवाब बनाकर कराने पड़ रहे हैं। विधायक प्रवीण पाठक का इस संबंध में साफ कहना है कि जनता का जवाब उन्हें देना हैं। अधिकारियों को नहीं। इसलिए कार्य करने के लिए जनसहयोग के साथ भोपाल से भी दवाब डलवाना पड़ता है। इस स्थिति पर शीर्ष नेतृत्व को चिंतन करना चाहिए। इसके साथ ही प्रवीण पाठक का कहना है कि जनता के प्रति जवाबदेह होने के कारण हमें अधिकारियों से काम करना भी आता है।


 

अधिकारियों की गति धीमी, हुराबली में स्पोर्टस कॉप्पलेक्स का प्रस्ताव अटका -


सत्यारूढ दल के विधायक मुन्नाालाल गोयल ने स्वीकार किया कि प्रशासनिक अमले की सुस्ती के कारण विकास कार्य गति नहीं पकड़ पा रहे हैं। अधिकारियों पर लगातार दवाब बनाने के बाद अधिकारी रवैया सकारात्मक नहीं हैं। मुन्नालाल गोयल ने बताया कि हुराबली में 24 बीधा भूमि पर स्पोटर्स कॉप्लेक्स का निर्माण प्रस्तावित हैं। लेकिन अधिकारियों के कारण यह प्रस्ताव भी लटका हुआ है।