ग्वालियर । जयारोग्य अस्पताल में इलाज के लिए जयपुर से लौटी एक महिला पिछले तीन दिन से भटकती रही। उसे सोमवार को ओपीडी में दिखाने के लिए बुलाया गया लेकिन जब वह कोल्ड ओपीडी पहुंची तो देखने से मना कर दिया। लापरवाही की हद तब हो गई जब मेडिसिन के डॉक्टरों ने उसे घर पर रहकर इलाज लेने की सलाह दे दी। जब वह कोल्ड ओपीडी पहुंची तो उसे बोल दिया गया कि ओपीडी बंद हो चुकी। उसने बताया कि उसे सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी हो रही है। जब मीडियाकर्मियों ने उसकी हालत देख डॉक्टरों से कोरोना के लक्षण होने की बात कही तब डॉक्टरों के हाथ-पांव फूल गए और उसे आइसोलेशन वार्ड भेज दिया। लेकिन तब तक विधायक प्रवीण पाठक को इस बात की खबर लग गई और वह अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखने जा पहुंचे तथा कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को भी बुला लिया। जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। कलेक्टर ने जब जेएएच का आइसोलेशन वार्ड में स्टाफ न मिलने तथा मरीज भर्ती देख डीन, अधीक्षक सभी को बुला लिया और अस्पताल की अव्यस्थाओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि स्टाफ के लिए मास्क, सैनिटाइजर तक की व्यवस्था नहीं है। कोरोना संदिग्ध की स्क्रीनिंग तक की व्यवस्था नहीं है। कलेक्टर के आदेश पर महिला को बिरला अस्पताल भेज दिया गया। इसके बाद सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में आइसोलेशन वार्ड बनाने की तैयारियों को भी देखा। निरीक्षण के दौरान विधायक प्रवीण पाठक, प्रभारी डीन डॉ. सरोज कोठारी, जेएएच अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा, सीएमएचओ डॉ. एसके वर्मा व अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।
स्क्रीनिंग तक नहीं की जा रहीः कलेक्टर ने अस्पताल का निरीक्षण करते हुए कहा कि संदिग्ध मरीज की स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं है तो मरीज फिर जाए कहां। इस पर प्रभारी डीन का कहना था कि यहां पर उसी मरीज को रखा जाना है, जिसका इलाज होना हो। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि स्क्रीनिंग कक्ष तैयार किया जाए, जहां पर 24 घंटे मरीज की स्क्रीनिंग हो सके।
तीन दिन से इलाज के लिए भटक रही थी महिला
महिला का कहना था कि वह शनिवार को भी अस्पताल इलाज के लिए आई थी। उसे भर्ती के लिए पर्चा तो बना दिया पर डॉक्टरों ने उसे भर्ती नहीं किया और सोमवार को ओपीडी में आकर दिखाने के लिए कहा। लेकिन जब वह सोमवार को ओपीडी पहुंची तो वहां पर उसे कैजुअल्टी भेज दिया। जहां से उसे आईसीयू पहुंचा दिया। आईसीयू के डॉक्टरों ने नाराजगी जाहिर करते हुए उसे दवा लिखकर घर पर आराम करने की सलाह दी।
सीधी बातः
डॉ. सरोज कोठारी, प्रभारी डीन जीआरएमसी
सवालः कलेक्टर और विधायक अस्पताल किस लिए पहुंचे और क्या किया?
जवाबः आइसोलेशन वार्ड बंद देख कलेक्टर साहब का कहना था कि व्यवस्थाएं खराब हैं,जबकि व्यवस्थाएं दुरस्त हैं।
सवालः मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे और मास्क वितरण में पक्षपात की बात सामने आ रही है?
जवाबः हर किसी को एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं करवाए जा सकते। जिन्हें आवश्यकता है उन्हें दिए जा रहे हैं।
सवालः कोरोना संदिग्ध महिला के इलाज में लापरवाही बरती गई, मीडिया के हस्ताक्षेप पर उसकी जांच हुई?
जवाबः ओपीडी 8 से 2 बजे तक और उसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जा रही है। जिन लोगों की लापरवाही सामने आई है, उसकी जांच की जाएगी।