500 साल बाद गुरु और शनि के योग में मनेगी होली
ग्वालियर। इस बार सोमवार 9 मार्च को शुभयोग में होलिका दहन होगा। इस बार होली के अवसर पर शनि और गुरु का कई सालों बाद विशेष योग बन रहा है। यह योग इससे पहले वर्ष 1521 में 3 मार्च को बना था। इस बार शनि और गुरु दोनों ही अपनी-अपनी राशि में रहेंगे। मार्च के अंत में गुरु अपनी राशि धनु से निकलकर शनि के साथ मकर राशि में आ जाएंगे।
9 मार्च सोमवार को इस बार होलिका दहन होगा, जबकि 10 मार्च मंगलवार को होली खेली जाएगी। 9 मार्च को गुरु अपनी राशि धनु और शनि अपनी राशि मकर में रहेगा। इससे पहले यह दोनों ग्रह 3 मार्च 1521 को अपनी- अपनी राशियों में विराजमान थे। होली पर शुक्र मेष राशि, मंगल केतु, धनु राशि में, राहु मिथुन राशि में, सूर्य और बुध कुंभ राशि में चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा। ग्रहों के योग में इस बार होली शुभ योग देने वाली रहेगी। वहीं देश में शांति स्थापित करवाने में भी सफल रहेगी। इसके साथ ही व्यापार के लिए भी यह योग हितकारी रहेगा। हर साल सूर्य कुंभ राशि और चंद्रमा सिंह राशि में होता तब होली का पर्व मनाया जाता है।
3 मार्च से प्रारंभ होगा होलाष्टक
होली से पहले 3 मार्च मंगलवार से होलाष्टक प्रारंभ हो जाएगा। शास्त्र के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक होलाष्टक रहता है। इस समय सभी ग्रह उग्र रूप में रहते हैं, इसलिए इस समय सभी प्रकार के शुभ कार्य करना वर्जित है।